मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा व केशव प्रसाद मौर्य के साथ दो राज्य मंत्रियों की खातिर अपनी विधान परिषद सदस्यता छोडऩे वाले नेताओं को भाजपा ने रिटर्न गिफ्ट दिया है। भाजपा ने समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के बागी नेताओं का नाम अपने विधान परिषद सदस्यों के दस प्रत्याशियों में शामिल किया है, जिनको चुनाव मैदान में उतरना है।
समाजवादी पार्टी से एमएलसी बुक्कल नवाब ने पार्टी से इस्तीफा देने की शुरुआत की थी। उनके बाद एमएलसी यशवंत सिंह ने भी इस्तीफा दिया। बसपा के एमएलसी जयवीर सिंह ने भी इस्तीफा दिया और बीजेपी के पाले में आ गए थे। भारतीय जनता पार्टी ने आखिरकार विधान परिषद चुनाव के बहाने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बागियों को रिटर्न गिफ्ट दे ही दिया। भाजपा ने आज जारी विधान परिषद चुनाव के प्रत्याशियों की सूची में दस में से चार नाम सपा और बसपा छोड़कर आए नेताओं के शामिल किए हैं। समाजवादी पार्टी से भाजपा में पहुंचे बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह व सरोजनी अग्रवाल के अलावा बहुजन समाज पार्टी से भाजपा में आए जयवीर सिंह का नाम शामिल है। यह चारों नेता विधान परिषद सदस्य थे। इनके इस्तीफा देने से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव मौर्य व दिनेश शर्मा के साथ मंत्री मोहसिन रजा व महेंद्र सिंह के लिए विधानपरिषद की राह आसान हुई थी।
मेरठ की डॉ. सरोजिनी अग्रवाल को अहम मंत्री आजम खां का करीबी माना जाता था, लेकिन बीते वर्ष उन्होंने सभी को चौंकाते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था। माना जाता है डॉ. सरोजिनी को आजम खां ने ही एमएलसी बनवाया था, जबकि अखिलेश सरकार में मंत्री रहे मेरठ के ही शाहिद मंजूर तो डॉ. सरोजनी के एमएलसी बनाए जाने के खिलाफ थे। आजम खां की जिद पर उन्हें एमएलसी बनाया गया था।
अपना इस्तीफा देने के बाद बुक्कल नवाब ने कहा था कि एक साल से मुझे बहुत घुटन महसूस हो रही थी। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी को समाजवादी अखाड़ा बताया। इसके साथ ही अखिलेश पर निशाना साधा था।
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