अलीगढ़, । छर्रा में एक माह पूर्व कोतवाली छर्रा क्षेत्र के ग्राम सिरसा निवासी चालक धीरी सिंह की हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है। मामले में गिरफ्तार तीन अभियुक्तगणों के पास से पुलिस ने ईको गाडी को भी बरामद कर लिया है। जनपद संभल के थाना गुन्नौर क्षेत्र के अभियुक्तों ने भाड़े पर लेकर कार छीनने का प्रयास करने के दौरान चालक की हत्या करने की घटना को अंजाम दिया था। रंग व नंबर प्लेट बदलकर गाड़ी को चला रहे थे।छर्रा कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिरसा निवासी चालक धीरी सिंह 50 गांव के ही राय सिंह की ईको गाडी चलाता था। 26 अक्टूबर को धीरी सिंह गाडी में भाडे पर सवारी लेकर अलीगढ गया था। जब धीरी सिंह लौट कर गांव नहीं पहुंचा तो राय सिंह ने अगले दिन छर्रा कोतवाली में ईको गाडी सहित चालक धीरी सिंह के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उसके दो दिन बाद 28 अक्टूबर को थाना पाली मुकीमपुर क्षेत्र में ग्राम सीसई व प्यावली के निकट हजारा नहर किनारे झाड झंकाड में धीरी सिंह का शव मिला था। मृतक के पुत्र सोनू ने अज्ञात के खिलाफ छर्रा कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एसएसपी द्वारा एसओजी, सर्विलांश व स्थानीय पुलिस की तीन टीमें गठित की गईं। गुरुवार की रात पुलिस टीम ने छर्रा क्षेत्र के अतरौली रोड पर गुप्ता मोड के निकट से छीनी हुई ईको कार सहित तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया है। शुक्रवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीनों को जेल भेज दिया है। छर्रा कोतवाल प्रमोद कुमार मलिक के अनुसार मृतक चालक धीरी सिंह भाडे पर गाडी को अलीगए से गुन्नौर लेकर गया था। जहां पर अभियुक्त जिला संभल के थाना गुन्नौर क्षेत्र के ग्राम घोसली रामसहाय निवासी अमीचंद उर्फ मूलचंद उर्फ अमित यादव, थाना गुन्नौर के ग्राम दुबारी कलां निवासी राजू उर्फ राजकुमार एवं गुन्नौर क्षेत्र के ग्राम घोसली वाहन निवासी जगपाल उर्फ कालू ने एक हजार रुपये भाडे पर छर्रा के लिए गाडी की थी। तीनों ने चालक को अपनी बातों में ले लिया और गुन्नौर से सांकरा होते हुए नहर किनारे रामघाट रोड पर अपने एक साथी को बैठाने के लिए ले गए। रास्ते में कहीं पर एक मंदिर पडा। जिसके निकट अभियुक्तों ने गाडी को रुकवाया और शौच करने के बाद गाडी में पीछे बैठे दो अभियुक्तों ने गले में अंगोछा फंसा कर चालक की हत्या कर दी। अभियुक्तगण चालक के शव को नहर किनारे फेंक कर गाडी लेकर भाग गए। सर्विलांस की मदद से एसओजी प्रभारी निरीक्षक नईम अहमद व छर्रा पुलिस ने अपना जाल बिछाया। जांच के दौरान पता चला कि अभियुक्तों ने एक अन्य ईको गाडी के कागज लेकर नंबर प्लेट बदलवाई और कागजों के अनुसार ही नई गाडी का रंग करा दिया। जिससे कि गाडी चलाने में कोई परेशानी न हो। परंतु पुलिस के सामने उनके सारे हथकंडे फेल हो गए। शुक्रवार को एक बार फिर वह किसी गाडी को लुटने की फिराक में घूमते समय पुलिस की पकड़ में आ गए।गिरफ्तार करने वाली टीम में छर्रा कोतवाल प्रमोद कुमार मलिक, एसओजी प्रभारी नईम अहमद, सर्विलांश प्रभारी संजीव कुमार, दारोगा अतुल कुमार, राम कुमार, कांस्टेबल श्याम सिंह, राकेश कुमार, अनुत सोलंकी, समित सिसौदिया, विनोद कुमार, शोएब आलम, महेंद्र सिंह, सुधीर कुमार, अजय कुमार, ज्ञानवीर शामिल रहे।
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