बागपत, । पूरे रुपए देने के बावजूद मकान का बैनामा नहीं करने, आधे मकान से कब्जा न छोड़ने और मकान मालिक के उत्पीड़न से परेशान होकर दो दिन पहले जहर खाने वाले व्यक्ति ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। स्वजन ने व्यक्ति ने शव को थाने के बाहर रखकर जाम लगाकर हंगामा कर दिया।कस्बे की पट्टी धन्धान के रहने वाले 48 साल के शमशाद पुत्र शेरद्दीन ने कई माह पहले अपनी ही पट्टी के इरफान से 10.50 लाख रुपए में मकान खरीदा था। पेशगी के तौर पर शमशाद ने इरफान को 4.15 लाख रुपए दे दिए थे, जो उसने अपने मामा और मामी के सामने दिए थे। उसके बाद शमशाद ने आधे मकान पर कब्जा ले लिया था। छह माह बाद बकाया रुपए देकर बैनामा कराने का वादा हुआ था। उसके बाद ही इरफान को आधे मकान से कब्जा छोड़ना था। शमशाद की पत्नी दिलकिशा ने बताया कि तय समय के अनुसार पति शमशाद ने इरफान को बकाया पूरी धनराशि मोहल्ले के लोगों के सामने दे दिए। रुपयों के लेनदेन की वीडियोग्राफी भी कराई थी, लेकिन इरफान ने मकान से न कब्जा छोड़ा और न बैनामा कराया। इरफान उसके पति का उत्पीड़न करता रहा। परेशान होकर उसके पति ने मंगलवार की शाम उस समय जहर खा लिया, जब स्वजन घर से बाहर गए थे। तबीयत खराब होने पर मोहल्ले के लोगों ने उन्हें जानकारी दी, तो उसके बाद पति शमशाद को बड़ौत के निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ।बुधवार की रात आठ बजे उसे मेरठ रेफर कर दिया। दिलकिशा ने बताया कि बुधवार की रात उसके पति शमशाद ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। उधर, गुरुवार की शाम शमशाद का शव जैसे ही कस्बे में पहुंचा, तो शमशाद के बेटे सलीम, शाबिर, अयान, बेटी नाजिमा, पत्नी दिलकिशा आदि ने थाने में तहरीर देकर इरफान समेत सभी आरोपितों के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की।शमशाद ने शव को थाने के सामने रखकर सड़क पर जाम लगा दिया और पुलिस से मांग करते हुए कहा कि सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर गिरफ्तारी भी हो। लोगों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। मामला बढ़ता देखकर पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया, तो उन्होंने शव को उठाकर जाम खोल दिया। इंस्पेक्टर देवेश कुमार ने बताया कि इस मामले में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
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