बागपत, । जिला अस्पताल से सवा दो माह पूर्व अगवा हुई दुष्कर्म पीडि़ता को बरामद करने के बाद पुलिस ने अदालत में बयान दर्ज कराए। पुलिस के मुताबिक पीडि़ता ने बताया कि वह बालिग है। उसका किसी ने अपहरण नहीं किया था। वह अपनी मर्जी से गई थी। अदालत ने बालिग मानते हुए युवती को स्वेच्छा पर छोड़ दिया है।बागपत कोतवाली क्षेत्र के अनुसूचित जाति के व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि चार साल पहले जब उनकी बेटी 15 वर्ष की थी, तब संप्रदाय विशेष के युवक शहजाद ने शादी का झांसा देकर लंबे समय तक दुष्कर्म किया। शहजाद के भाई बिलाल व फरमान और दोस्त समीर व जन्नत ने भी आबरू लूटी थी। डेढ़ साल पूर्व आरोपितों ने बेटी का मतांतरण भी करा दिया था। इस मामले में जून माह में सामूहिक दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने आरोपित शहजाद, उसकी माता गुलफ्सा, पिता हारुण और जन्नत को जेल भेजा था।नौ सितंबर को जिला अस्पताल में पीडि़ता ने बच्ची को जन्म दिया था। आरोप था कि दस सितंबर को एक आरोपित की बहन अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर बेटी को अस्पताल से बहला-फुसलाकर ले गई थी। 18 नवंबर को कोतवाली पुलिस ने आरोपितों पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कर 19 नवंबर को नगर के चमरावल रोड से पीडि़ता को बरामद किया था।विवेचक सीओ अनुज कुमार मिश्र का कहना है कि युवती बालिग है। उसके शनिवार को अदालत में बयान दर्ज कराए गए। युवती ने बताया कि उसका किसी ने अपहरण नहीं किया था। वह अपनी मर्जी से अस्पताल से गई थी। अदालत ने युवती को स्वेच्छा पर छोड़ दिया, जो अपनी मर्जी से किसी रिश्तेदार के यहां चली गई है। पूर्व में दर्ज मुकदमे की चार्जशीट अदालत में दाखिल की जा चुकी है।
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