कमासिन/बांदा। क्षेत्र में इस समय डीएपी खाद के बाद अब यूरिया का घोर संकट व्याप्त है जिससे किसान अत्यंत परेशान हैं क्योंकि गेंहू में पलेवा हो जाने के लिये छिड़काव की सख्त जरूरत है और येन मौके पर यूरिया खाद का अकाल है जिससे किसान जिससे किसान अत्यंत परेशान हैं जबकि प्रशासन का हवा हवाई दावा है कि उर्वरक की कोई किल्लत नही है,क्षेत्र में सात कमासिन,बीरा,औदहा,बन्थरी, नारायणपुर, छिलोलर व सुनहुली समितिया व तीन एंग्री जनशन संचालित है लेकिन हप्तों से सभी केंद्रों में यूरिया खाद नही है प्रतिदिन किसान समितियों व एग्री जनशन के चक्कर लगाते हैं और शाम को निराश होकर घर वापस लौट जाते हैं तमाम किसानों ने बताया है कि रबी बुवाई के समय डीएपी खाद की जबरजस्त किल्लत थी बिक्री केंद्रों में यदि एकाध ट्रक डीएपी आ जाती थी तो एक बोरी खाद पाने के लिये सुबह से शाम तक लाइन में पुलिस द्वारा खड़ा करा दिया जाता था लेकिन नंबर आते-आते खाद ही समाप्त हो जाती थी और निराश वापस घर लौट कर चले आते थे और गेहूं की बुवाई पिछड़ रही थी हप्तों इंतेज़ार के बाद जब खाद नही मिल पाई तो यूरिया जिंक पॉट्स मिलाकर गेंहू की बुवाई की गई थी, गेंहू में पलेवा हो गया है अब छिड़काव के यूरिया की सख्त जरूरत है लेकिन अब यूरिया ढूढे नही मिल रही है,समिति सचिवो से पूछने पर रोजाना यही जवाब मिलता है कि कल आ रही है लेकिन हप्तों गुजर गये लेकिन अभी तक कल ही नही आया अब यूरिया के अभाव में गेहूं की फसल बर्बाद हो रही है।
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