बरेली, ढाबे पर काम करने वाले रामप्रकाश की किसी मुहल्ले वाले से कभी लड़ाई तक नहीं हुई। सुबह होते ही रोजी-रोजी की तलाश में निकलने वाले शख्स के दिमाग पर अचानक अपराध का ऐसा आवरण चढ़ा कि परिवार को खत्म कर अपनी भी जिंदगी समाप्त कर ली। वह गुरुवार रात को ही इस वारदात की पटकथा लिख चुका था।परिवार के सदस्यों का कहना था कि रामप्रकाश गुरुवार की रात को खाना खाने के बाद छत पर चला गया था। चचेरे भाई से काफी देर बातचीत करता रहा। पुलिस मान रही कि उसके दिमाग में पूरी पटकथा पहले ही तय हो चुकी थी। वह जानबूझकर देर रात तक छत पर बैठा था, ताकि मीनू सो जाए। ऐसा ही हुआ। वह नीचे आया होगा, तब तक मीनू व बच्ची सो गई।जिसके बाद दोनों की हत्या करने में उसे किसी तरह का विरोध का सामना नहीं करना पड़ा। मीनू का गला दुपट्टे से दबाने, इसके बाद बच्ची को मारने में वह कमरे में इधर-उधर गया होगा। रात में परिवार के सदस्यों के सो जाने ओर कूलर की आवाज के कारण कमरे में चल रही गतिविधियों की आहट बाहर तक नहीं आ सकी।रामप्रकाश का शव नीचे उतारने के बाद परिवार के लोगों ने मुहल्ले में शोर किया कि रात में कोई बाहरी बदमाश वारदात कर गया। रामप्रकाश, मीनू व बच्ची की हत्या कर दी गई। जब पुलिस पहुंची तो कहा गया कि तीनों के शव जमीन पर मिले। कुछ ही मिनट बाद सोनकली ने स्वीकारा कि रामप्रकाश का शव लटका हुआ था, उसे नीचे उतारा गया है।रामप्रकाश के स्वजन ने यह तो कहा कि दंपती में विवाद होता था मगर, वजह नहीं बताई ।10 महीने पहले हुई शादी के कुछ दिन बाद ही दोनों मां से अलग कमरे में रहने लगे थे। इसके बाद भी विवाद क्यों होता था, इस पर सोनकली ने कुछ नहीं बताया। पुलिस के अनुसार, परिवार के कुछ लोगों में कानाफूसी होती रही कि शादी के दो महीने बाद ही रामप्रकाश व मीनू के बीच विवाद होने लगा था।इसमें एक मेडिकल रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया। मीनू व बच्ची की हत्या की बात एकदम स्पष्ट थी। इसके बावजूद मीनू के मायके पक्ष की ओर से कोई आरोप नहीं लगाया गया। पुलिस देर शाम तक इंतजार करती रही मगर, किसी के विरुद्ध कोई तहरीर नहीं आई है।
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