गोरखपुर, । रामगढ़ ताल थाने में तैनात सिपाही आसिफ असलम का शव रविवार की सुबह कमरे में फंदे से लटकता मिला। मकान मालिक के सूचना देने पर पहुंची पुलिस उसे जिला अस्पताल ले गई। कमरे की तलाशी लेने पर सुसाइड नोट मिला। जिसमें सिपाही ने निजी कारणों से जान देने की बात लिखी है। पुलिस वजह की जांच कर रही है।बलिया जिले के गड़वार थाना क्षेत्र के हजौली गांव का रहने वाला आसिफ असलम 2018 में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था। पिछले छह माह से उसकी तैनाती रामगढ़ताल थाने पर थी। पहले वह फल मंडी चौकी के पास किराए पर कमरा लेकर अकेले रहता था। 10 दिन पहले आसिफ ने रामगढ़ ताल थाने के सामने सिद्धार्थ नगर मोहल्ले में कमरा लिया था। 16 जनवरी को सुबह 10 बजे तक उसके कमरे का दरवाजा न खुलने पर पड़ोस में रहने वाले लोगों ने आवाज दी।कोई प्रतिक्रिया ना मिलने पर रोशनदान के रास्ते देखा तो पंखे में बंधे बेडशीट के सहारे आसिफ का शव लटक रहा था। घटना की जानकारी मकान मालिक ने डायल 112 के साथ ही रामगढ़ताल थाने पर दी। फोरेंसिक टीम के साथ पहुंची रामगढ़ताल पुलिस शव को फंदे से उतारने के बाद जिला अस्पताल ले गई।कमरे की तलाशी लेने पर एक पन्ने का सुसाइड नोट मिला जिसमें सिपाही ने लिखा है कि उसकी मौत का जिम्मेदार किसी को न माना जाए। निजी कारणों से वह अपनी जान दे रहा है। सीओ कैंट श्याम देव ने बताया कि सिपाही ने जान क्यों दी इसकी जांच चल रही है। स्वजन को घटना की जानकारी दे दी गई है।रामगढ़ ताल थाना पिछले साल सितंबर माह से ही चर्चा में है। कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्त, दो दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने आए थे। 29 सितंबर की रात में वह रामगढ़ ताल इलाके में एक होटल में ठहरे थे। थाने के तत्कालीन इंस्पेटर और दारोगा सहित छह पुलिसकर्मी होटल चेक करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस वालों की पिटाई से मनीष गुप्त की मौत हो गई थी। इस मामलीे में इंस्पेटर और दारोगा सहित सभी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज है। सभी पुलिस वाले जेल में हैं। इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही थी। सीबीआइ ने लखनऊ के कोर्ट में जार्चशीट दाखिल कर दिया है।
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