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मौदहा क्षेत्र में रातों-रात मनरेगा कार्यों में गरज रही जेसीबी मशीन।


🗒 गुरुवार, अप्रैल 14 2022
🖋 विक्रम सिंह यादव, प्रधान संपादक
मौदहा क्षेत्र में रातों-रात मनरेगा कार्यों में गरज रही जेसीबी मशीन।

मौदहा हमीरपुर। क्षेत्र में मनरेगा के अंतर्गत कराए जा रहे विकास कार्यों में जमकर प्रतिबंधित जेसीबी मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है और जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई ना करना अधिकारियों की उदासीनता का उदाहरण है, और वैसे भी मौदहा विकासखंड काफी लंबे समय से भ्रष्टाचार के मामले में महारथ हासिल कर चुका है।

मौदहा विकास खंड क्षेत्र के गांव रीवन में एक चक मार्ग का निर्माण जो सिक्स लाइन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के नहर के पास से गांव के मरघट तक मनरेगा योजना के अंतर्गत रातो रात कराया जा रहा है जिस पर पंचायत सचिव को काम कराए जाने की जानकारी ही नहीं है। हालांकि मनरेगा कार्यों में प्रतिबंधित जेसीबी मशीन का प्रयोग करना मौदहा विकासखंड के लिए कोई नई बात नहीं है लेकिन चक मार्ग के निर्माण के दौरान तकरीबन एक दर्जन पेड़ जेसीबी मशीन से ही ध्वस्त कर दिए गए जिसमें कुछ पेड़ नीम के भी शामिल है जो कानूनन जुर्म माना जाता है।

 

 हालांकि अधिकांश गांव में मजदूरों की जगह जेसीबी का ही प्रयोग किया जाता है इसी से ही ग्राम प्रधान व सचिव सहित तमाम के स्थानीय अधिकारियों के पेट मजदूरों को मिलने वाली धनराशि से ही भरते हैं क्योंकि जेसीबी मशीन से काम कराने के बाद ग्राम प्रधान अपने चहेते जॉब कार्ड धारकों की डिमांड लगाकर उनके खाते में पैसा भेजते हैं और फिर उनसे तय कमीशन के बाद पूरा पैसा सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ाने के बाद शेष पैसा प्रधान व सचिव हजम कर लेते हैं। यही कारण है कि जिम्मेदार अधिकारी भी मौन व्रत धारण किए रहते हैं और मजदूरों की मजदूरी पर अपना भी पेट चला रहे हैं।

         भले ही राज्य में दोबारा योगी सरकार लोगों को रोजगार मुहैया कराने के तमाम दावे करती हो लेकिन सरकार के ही सरकारी भ्रष्ट नुमाइंदे सरकार की नीतियों पर पलीता लगा रहे हैं, और धड़ल्ले से रातों-रात जेसीबी मशीनों का प्रयोग कर सरकारी धन को ठिकाने लगाने के प्रयास में डटे हुए हैं।

इस संबंध में विकासखंड क्षेत्र के गांव रीवन में तैनात पंचायत अधिकारी गिरीश चंद ने बताया कि उन्हें किसी प्रकार के काम की जानकारी ही नहीं है तो वही इस संबंध में जब मौदहा बीडीओ से बात की गई तो उन्होंने जांच करने का हवाला देकर बात टाल दी है।