उरई,। रिटायर्ड नलकूप आपरेटर की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी की मौत हो गई। वह सेंट्रल जेल फतेहगढ़ में बंद था। कुछ दिन से वह बीमार चल रहा था। बाद में उसे जिला लखनऊ रेफर किया गया। जहां उसकी मौत हो गई।महेबा के ग्राम पिथऊपुर निवासी 60 वर्षीय लक्ष्मण सिंह नलकूप आपरेटर की हत्या में 23 जून 2014 उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। लक्ष्मण ङ्क्षसह 13 माह अंतरिम बेल पर रहे। वर्ष 2018 में उनको जिला कारागार उरई से सेंट्रल जेल फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया था। जहां अक्टूबर के महीने में उनकी हालत बिगड़ गई। उनको उपचार के लिए पहले कानपुर हैलट भेजा गया। जहां से 24 अक्टूबर को उपचार के बाद फिर से जेल भेज दिया गया। इस बीच फिर से हालत बिगड़ गई तो उनके पुत्र मनोज ङ्क्षसह ने 4 नवंबर को फिर से कानपुर हैलट में भर्ती कराया। हालत में सुधार न होने पर उन्हें पीजीआइ लखनऊ में इलाज के लिए भेजा गया, जहां पर इलाज के दौरान 19 नवंबर को उनकी मौत हो गई । उनका शव शनिवार को देर रात गांव पहुंचने पर स्वजन मातम में डूब गए। पुत्र ने समय से इलाज ना कराने का आरोप लगाया: मृतक के पुत्र मनोज सिंह ने बताया कि 24 अक्टूबर के बाद कानपुर के डाक्टरों ने 4 दिन बाद इलाज के लिए बुलाया था लेकिन जेल अधीक्षक ने नहीं भेजा। इसके बाद विधायक नरेंद्र सिंह से जेल अधीक्षक की वार्ता कराई तब कहीं तीन नवंबर को जेल से कानपुर भेजा गया तथा चार नवंबर को उनका इलाज शुरू हुआ। अचेत अवस्था में लखनऊ भेजा गया जिससे उनकी मौत हो गई।
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