कानपुर, । बहुचर्चित बिकरू कांड में अमर दुबे की नाबालिक पत्नी की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। बुधवार को मामले में सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई शुरू की और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए पक्ष मांगा है। इस मामले में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने अमर दुबे की पत्नी की ओर से याचिका दाखिल की और सुनवाई को लेकर बहस की। अब राज्य सरकार का पक्ष आने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ अपना फैसला सुनाएगी। कानपुर में चौबेपुर थाने के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 को कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की गैंग ने दबिश देने आई पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। इस मुठभेड़ में बिल्हौर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद पुलिस टीम ने विकास दुबे समेत गिरोह के सात बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। इसमें विकास दुबे का खास गुर्गा अमर दुबे भी हमीरपुर में मारा गया था। चौबेपुर पुलिस ने उसकी पत्नी को गिरफ्तार करके साजिश में शामिल होने तथा फर्जी दस्तावेज से मोबाइल सिम लेने आदि मामलों में मुकदमे दर्ज किए थे। कानपुर देहात की अदालत में प्राथमिक सुनवाई के दौरान नाबालिग करार दिए जाने पर उसे जेल से राजकीय संप्रेक्षण गृह बाराबंकी शिफ्ट कर दिया गया था। इसके साथ उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई के लिए भेज दिया गया था। बीते दिनों हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
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