भारतीय जनता पार्टी जातियों को तोडऩे का षडयंत्र रच रही है। इसी के चलते महाराजा सुहेलदेव के नाम से जो डाक टिकट जारी किया गया उसे पासी को हटा दिया गया। जबकि वह पासी समाज के गौरव थे। प्रदेश के एक मंत्री के दबाव और एक समुदाय के विरोध के चलते उनके नाम के आगे से जाति हटा दी गई। सांसद सावित्री बाई फुले शनिवार को राष्ट्रीय कल्याण मंच की ओर से आयोजित धरने में बोल रहीं थीं।
हजरतगंज के डॉ.भीमराव आंबेडकर प्रतिमा स्थल पर आयोजित धरने के दौरान उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों को लेकर खरी खोटी सुनाई। इससे पहले मंच के अध्यक्ष अनोद कुमार रावत ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव पासी समाज के वंशज थे जिसका जिक्र एनसीआरटी की कक्षा-11 की पुस्तक 'मध्यकालीन भारत' के पृष्ठ संख्या-28 पर किया गया है। राजभर, पासी समाज की उप जाति होती थी।आजादी के बाद से राजनीतिक लाभ के लिए उप जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कर लिया गया। प्रदेश में पासी समाज के चार करोड़ लोग हैं जबकि राजभर की संख्या मात्र 40 लाख है। उन्होंने डाक टिकट में पूरा नाम सुहेलदेव पासी करने की मांग की। जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया।
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