लखनऊ, रायबरेली स्थित डलमऊ से लखनऊ जा रहे रोहित कहते हैं कि रायबरेली जाने का रास्ता शानदार है। बिना रुके सफर साठ मिनट का है, लेकिन निगोंहा पहुंचते ही कार खड़ी हो जाती है। क्योंकि यहां पहले से ही फास्टैग की लाइन में लगना पड़ता है। कार में फास्टैग लगा होने के बाद भी टोल प्लाजा तक पहुंचने में पांच से दस मिनट सामान्य बात है। फिर वह स्कैनिंग होती है। स्कैनर अकसर रीड नहीं कर पाता इसलिए कर्मी हैंड स्कैनर लेकर स्कैन करता है। इसमें एक मिनट से भी कम समय लगता है, लेकिन अगर यह कहा जाए कि वाहन बिना रुके निकल रहे हैं, यह गलत है।एक वाहन को इस प्रकिया से गुजरने में कम से कम से पांच से दस मिनट लग रहे हैं। यह हाल निगोहा के उस टोल प्लाजा का हैं, जहां नौ लाइनें फास्टैग की हैं। क्योंकि यहां स्कैनर का सर्वर बेहतर तरीके से आए दिन काम नहीं करता। इससे वाहनों की कतार कभी भी देखी जा सकती है।फास्टैग व्यवस्था लागू हुए एक साल से अधिक समय हो गया। उद्देश्य था कि टोल प्लाजा पर वाहन रुकेगा ही नहीं। वाहन के पहुंचते ही स्कैनर फास्टैग के स्टीकर को रीड करेगा और वाहन मिनट में आगे निकल जाएगा। ऐसा फिलहाल नहीं हो पा रहा है। यह समस्या शुरू से है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारी कहते हैं कि सर्वर ठीक काम कर रहा है। समस्या नहीं है। कभी-कभी वाहनों में लगे फास्टैग के स्टीकर वाहनों में सही से चस्पा नहीं होते, इसके कारण बैरियर नहीं खुलता।इंटौजा मानपुर राजा टोल प्लाजा पर स्थिति दूसरी है। यहां वाहनों की कतार फास्टैग पर आए दिन प्रवेश कर जाती हैं। लखनऊ से सीतापुर बार्डर तक माल ढुलाई करने वाले चालक कहते हैं कि फास्टैग लगा होने के भी यहां दस मिनट तो लगने हैं। क्योंकि वाहनों को रोककर फास्टैग स्कैन किया जाता है। अगर चलते वाहन में स्कैन हाे जाए तो सेकेंडों में काम हो जाएगा। इटौंजा टोल प्लाजा पर के दोनों तरफ पांच पांच लेन है। वर्तमान में एक लेन इमरजेंसी के लिए रखी गई है। वहीं दूसरी लेन नगद वालों के लिए है। बाकी लेन फास्टैग की है। एक जनवरी से कैश लेन की व्यवस्था पूरी तरह बंद कर दी जाएगी। टोल प्लाजा पर फास्टैग के लिए प्रचार प्रसार तेज हो गया है। प्राधिकरण द्वारा यहां दस लाइनों में एक कैश की है दोनों तरफ से।एक जनवरी से यहां सभी लाइनें फास्टैग की करने की तैयारी है। टोल प्रबंधक अनिरुद्ध् सिंह कहते हैं कि फास्टैग लगे वाहनों को टोल प्लाजा पर समय नहीं लग रहा है। सर्वर की समस्या पूरी तरह से खत्म हो गई है, लाइन जरूर थोड़ी है, स्कैनिंग में जैसे ही कोई दिक्कत लगती है तुरंत हैंड स्कैनर से स्कैन करके वाहन निकाले जा रहे हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी फास्टैग की लाइन में नगद देने वाले वाहन आ जाते हैं। इसलिए समय लग रहा है। एक जनवरी से स्थिति ठीक नजर आएगीटोल प्लाजा प्रबंधक राजेश पाठक के मुताबिक, इटौंजा मानपुर राला टोल प्लाजा में वाहनों की लंबी कतार लगने का कारण फास्टैग की लाइन में नगद वाहनों का प्रवेश है। सर्वर की समस्या नहीं है। ऐसे वाहन स्वामियों से नब्बे रुपये जुर्माना लिया जाता है। वहीं फास्टैग रिचार्ज न होने पर नब्बे रुपये जुर्माने का नियम है। अब वाहनों की कतार एक जनवरी 2021 से पूरी तरह खत्म हा जाएगी।
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