लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह अभिनव प्रयोग है। समृद्ध अतीत को साधने के साथ आधुनिक यूपी का उम्दा संयोजन करने की इसे मिसाल भी कह सकते हैं। बजट में जहां एक ओर गुरुकुल पद्धति से पढ़ाई कराने का प्रविधान किया गया है तो वहीं प्रतियोगी टैबलेट से भी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। सरकार उन्हें मुफ्त टैबलेट मुहैया कराएगी। गांव भी डिजिटल विलेज बनाए जाएंगे, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतियोगी युवाओं को घर बैठे देश-दुनिया को जानने के लिए बेहतर कनेक्टिविटी मिले। पहले चर्चा समृद्ध अतीत की। प्रदेश में संस्कृत के विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय की हालत किसी से छिपी नहीं है। देववाणी संस्कृत जो पढ़ना भी चाहते हैं, वे कालेजों की हालत देखकर आगे नहीं बढ़ते। योगी सरकार ने इसके लिए बड़ी पहल की है। उप्र संस्कृत शिक्षा निदेशालय के गठन और उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के कार्यालय भवन के लिए पांच करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। साथ ही संस्कृत विद्यालयों में पढऩे वाले निर्धन छात्रों को गुरुकुल पद्धति के अनुसार मुफ्त छात्रावास व भोजन की व्यवस्था की जाएगी। यानी अब संस्कृत पढऩे वालों की संख्या बढ़ेगी और उनका भविष्य भी बेहतर होगा। एडेड माध्यमिक स्कूलों और राजकीय संस्कृत विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाएं भी बढ़ेंगी।सूबे में युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के लिए मुफ्त कोचिंग की 'मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना' शुरू की गई है। इसे लेकर युवाओं में उत्साह को देखते हुए उन्हें अब टैबलेट भी दिए जाएंगे, ताकि वे डिजिटल लर्निंग के तहत पढ़ाई कर सकें। इसके लिए पात्र छात्र-छात्राओं की संख्या को देखते हुए पर्याप्त धन उपलब्ध रहेगा।
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