लखनऊ, । पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सुरक्षा में तैनात रहे दारोगा धर्मेंद्र यादव की सोमवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई। एकाएक हालत बिगड़ने पर उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान धर्मेंद्र ने दम तोड़ दिया। वह मूल रूप से जौनपुर के सराय ख्वाजा के रहने वाले थे। बीते अप्रैल माह में पत्नी से उनका झगड़ा हो गया था। झगड़े के दौरान धर्मेंद्र ने फायरिंग की थी। गोली लगने से किराए पर रहने वाली एक युवती घायल हो गई थी। मामले में धर्मेंद्र जेल भी गए थे।एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि धर्मेंद्र यहां खरगापुर में रहते थे। वह 2018 बैच के दारोगा थे। पूर्व सीएम अखिलेश यादव की सुरक्षा में भी तैनात रहे हैं। पूछताछ में उनकी पत्नी प्रियंका ने बताया कि धर्मेंद्र सोमवार सुबह जब 11 बजे तक वह सोकर नहीं उठे तो परिवारीजन जगाने पहुंचे। काफी देर तक हिलाते डुलाते रहे पर शरीर में कोई हरकत नहीं हुई। इसके बाद परिवारीजन उन्हें लोहिया ले गए। लोहिया में धर्मेंद्र की मौत हो गई। परिवारीजन ने बताया कि धर्मेंद्र काफी दिनों से डिप्रेशन में भी थे। एसीपी ने बताया कि धर्मेंद्र की मौत के कारणों की पुष्टि नहीं हो सकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों का पता चलेगा। उसी के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।बीते 20 अप्रैल को धर्मेंद्र का पत्नी से विवाद हो गया था। विवाद के दौरान धर्मेंद्र ने अपनी सर्विस पिस्टल से पत्नी पर फायर झोंका था। पत्नी तो बच गई पर उनके घर पर किराए पर रहने वाली अंशिका गुप्ता को गोली लगने से घायल हो गई। मामले में गोमतीनगर विस्तार थाने में धर्मेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद वह निलंबित कर दिए गए थे। धर्मेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था।
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