लखनऊ - वास्तविक गणतंत्र तो तब होगा जब हर व्यक्ति के पास रोटी, कपड़ा और मकान होगा। यदि देश का एक भी नागरिक भूख से मर रहा है, कपड़े से वंचित है, शिक्षा से वंचित है, रहने के लिए छत नहीं है तो फिर गणतंत्र का अर्थ ही क्या है। इसलिए गणतंत्र की चुनी हुई सरकार का यह नैतिक कर्तव्य बन जाता है कि वहां सरकार की ओर से प्रत्येक नागरिक को रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, चिकित्सा और अन्य भौतिक सुविधाएं जो देश की आर्थिक स्थिति के अनुसार सुलभ हो सके उन्हें जनता तक पहुंचाने का काम करना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य मेरे देश का यहां पर जनता को आकर्षित करने के लिए जाति और धर्म के आधार पर चुनाव लड़ा जाता है। सरकारी बनाई जाती हैं और जनता के विकास पर ध्यान नहीं दिया जाता है। उपरोक्त विचार गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मानव धर्म मंदिर के संस्थापक रामानंद सैनी ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में वस्त्र वितरण के पश्चात व्यक्त किए । उन्होंने आज आलमबाग, चारबाग, एलडीए कॉलोनी, आशियाना ,हिंद नगर, कृष्णा नगर, आरडीएसओ और मानक नगर समेत कई जगहों पर घूम घूम कर के परिवार के साथ जैकेट, स्वीटर, कंबल ,चादर और गर्म कपड़े उन जरूरतमंद लोगों को वितरित किए जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता थी।चूँकि अगले महीने विधानसभा के चुनाव है इसलिए उन्होंने प्रदेश वासियों से निवेदन किया कि बिना डरे और बिना लालच के एक योग्य व्यक्ति को वोट करें ।जो जाति धर्म पर आधारित राजनीति करे उसे नकार दे ।
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