महराजगंज जनपद के परतावल ब्लाक क्षेत्र के अंतर्गत बिजली केंद्रों के अंतर्गत आने वाले सभी फिटरो केउपभोक्ताओं ने जो विकास के सपने की उम्मीदों को संजोए जनता द्वारा चुनी गई नवनिर्मित सरकार से उम्मीदे अब टूटती नजर आ रही है अब तो ये डर लगता है कि विकास के नाम पर फिर कही कोई आर्थिक बोझ आमजनता पर न थोप दिया जाए वर्तमान सरकार द्वारा बनाये गए नियमो से आमजनता लाभान्वित होने के बजाये बोझिल होती नजर आ रही हैl
पहले जीएसटी,फिर वाहन चालान शुल्कों में 10 प्रतिशत वृद्धि,और अब बिजली बिल में बढ़ोत्तरी जो आमजन को सीधे प्रभवित करने का कार्य कर रही है बिजली बिल में हुई बढ़ोत्तरी के अनुसार अब बिजली उपभोक्ताओं के शुल्कों में इजाफा कर सरकारी कोष भरने की ब्यवस्था तो कर दी गई पर इस उमस भरी गर्मी में भी शेड्यूल के मुताबिक बिजली का मिलने पर जनता के दर्द से किसी का कोई सरोकार नजर नही आ रहा हैl
विद्युत कटौती के संबंध में विद्युत उपकेंद्र पर बैठे कर्मचारियों से पूछने पर जिले से कटौती की बात कही जाती है और ज्यादा परेशान हो जाने पर फ़ोन स्विच ऑफ कर दिया जाता है जिसके बाद जिले पर विद्युत उपकेंद्र पर विद्युत कटौती के संबंध में फ़ोन करने पर ओवरलोडिंग, फीडर फॉल्ट, आदि का बहाना बनाकर फ़ोन रख देना आखिर कब तक यह खेल चलता रहेगा विद्युत विभाग की यह लापरवाही को देखते हुए यह कहना गलत नही होगा कि विद्युत विभाग अब बेलगाम हो चला हैl
जो जनता एवम अपने कार्यशैली के प्रति उत्तरदायी नही है आये दिन विद्युत कटौती की खबरे अखबारों द्वारा प्रकाशित की जाती हैं लेकिन इन खबरों से जिम्मेदारों पर कोई असर होता नजर नही आ रहा है विद्युत विभाग का केवल मात्र एक काम हो गया है आमजनता का उत्पीड़न जितनी मुस्तैदी से कुशलता से बिजली बिल की वसूली होती है आखिर उसी अनुसार विद्युत आपूर्ति क्यों नही की जाती है। जनता के प्रति जवाबदेही को दर्शात किया जाता है जो विद्युत विभाग के लापरवाही की पोल खोलता नजर आ रहा है ठीक यही हाल है परतावल विद्युत उपकेंद्र का जहाँ अंधाधुंध बिजली कटौती से ग्रामीण इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है।इस शेड्यूल के अलावा लोकल कटौती लोगों को और रुला रही है।
बिजली न मिलने से लोग हलकान होरहे है। किसी तरह पांच से सात घंटे ही लोगों को बिजली मिल पा रही है ग्रामीणों में बिजली को लेकर गुस्सा बढ़ता जा रहा है शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में 16 घंटे आपूर्ति किए जाने के आदेश दिया गया है।इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में पांच से सात घंटे ही आपूर्ति की जा रही जिसके कारण ज्यादातर इन्वार्टर भी ठीक से चार्ज नही हो पा रहा हैlबिजली की किल्लत ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को हलकान कर रखा है भीषण गर्मी में आधी रात बिजली के इंतजार में रात काटने को क्षेत्र लोग मजबूर होगये है। और बिजली के आने का कोई निर्धारित समय नही रह गया है यहाँ तक कि विद्युत उपकेंद्र के कर्मचारियों को ठीक से पता नही होता कि आखिर बिजली कब आएगी या नही।
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