उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ की ओर से महराजगंज के तत्कालीन डीपीआरओ, 130 ग्राम पंचायतों के एडीओ व सचिव पर एक राय होकर कूटचरित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने व भ्रष्टाचार का मुकदमा सदर कोतवाली में दर्ज कराया गया है।बताते हैं कि 14वें वित्त आयोग के फरफार्मेंस ग्रांड की धनराशि में फर्जीवाड़ा किया गया था। शासन की मंशा के विपरीत अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से धनराशि को खर्च किया गया। उत्तर प्रदेश सतर्कता अनुभाग-दो की ओर से गोपनीय जांच में यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया।वर्ष 2106-17 प्रदेश के 31 जिलों के 1798 ग्राम पंचायतों में से 1123 ग्राम पंचायतों को अनियमित रूप से परफार्मेंस ग्रांट की धनराशि आवंटित की गई। इसमें महराजगंज जिले के 130 ग्राम पंचायत भी शामिल थी। फर्जी व गलत तथ्यों के आधार पर परफार्मेंस ग्रांट की धनराशि आवंटित करा दी गई थी। शासन की ओर से स्वयं संज्ञान लिया गया और पूरे मामले की गोपनीय जांच कराई गई। जिसमें यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आया।यूपी सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ के अभिसूचना सेक्टर में तैनात निरीक्षक अनिल कुमार यादव की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी देवेंद्र प्रकाश शर्मा(सेवानिवृत्त) निचलौल,फरेंदा, पनियरा, सिसवा, मिठौरा, बृजमनगंज ब्लाकों के सहायक विकास अधिकारियों तथा 130 ग्राम पंचायतों के सचिवों के खिलाफ सरकारी धन के गबन, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया गया है। महराजगंज के पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने कहा कि शासन की ओर से जांच कराया गया था। जिसमें संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सबूत मिले हैं। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विवेचना सतर्कता अधिष्ठान की ओर किया जाएगा।
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