सूबे के मुखिया भ्रष्टाचार को समाप्त करने की योजनाओं को संचालित कर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं। लेकिन वहीं आए दिन भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सीएमओ कार्यालय सुर्खियों में रहने लगा है। अभी कुछ दिन पूर्व उपकरण और दवाओं के ढेकेदार ने फर्म को ब्लैक लिस्टेड किए जाने के नाम से भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। वहीं अब सीएमओ कार्यालय में एसीएमओ के पद पर तैनात रहे डॉ0पी0के0गुप्ता ने आरोप लगाया है कि मुझे 31 दिसंबर को सेवानिर्वित हुए छः माह हो गए लेकिन मेरे सेवानिर्वित भुगतान जीआईएस भुगतान भ्रष्टाचार के चलते डॉ0भूदेव के द्वारा नही किए जा रहे हैं। क्योंकि सभी प्रकार के भुगतान हेतु सीएमओ ने डॉ0भूदेव को अधिकृत कर रखा है। उनका कहना है कि मेरे बाद जो भी सेवानिर्वित हुआ है। उसके सभी देयकों के भुगतान कर दिए गए हैं। मैने कोई पैसा नही दिया इसलिए मेरे सेवानिर्वित देयकों को डॉ0भूदेव द्वारा नही किया जा रहा है। पूर्व एसीएमओ ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री,अपर मुख्यमंत्री सचिव स्वास्थ्य सहित आला अफसरों से की है। वहीं पूर्व एसीएमओ ने सीएमओ कार्यालय के भ्रष्टाचार को लेकर कहा है कि जब मुझ जैसे पूर्व एसीएमओ के साथ ये स्थिति है तब स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और आम जन मानस के साथ क्या स्थिति रहती होगी।
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