राजधानी दिल्ली के प्रवेश मार्गों पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान जमे हुए हैं। ये आंदोलनकारी किसान सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के उनके लिए दस लाख डॉलर (करीब साढ़े सात करोड़ रुपये) की आर्थिक सहायता के एलान से सुरक्षा एजेंसियां सचेत हो गई हैं एसएफजे ने कहा है कि यह धनराशि पंजाब और हरियाणा के उन किसानों को दी जाएगी जो आंदोलन के दौरान घायल हो गए हैं या जिनके वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन किसानों का दिल्ली पहुंचने के दौरान हरियाणा में पुलिस से टकराव हुआ था जिसमें कई किसानों को चोटें आई हैं।एसएफजे ने अपने संदेश में कहा है कि 30 नवंबर को वह 24 घंटे के लिए अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी में कॉल सेंटरों के जरिये किसानों की मदद के लिए दान देने और खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह की अपील जारी करेगा। एसएफजे 15 अगस्त, 2021 से लंदन से खालिस्तान की मांग पर जनमत संग्रह कराने की शुरुआत करने वाला है। किसानों को मदद की घोषणा अमेरिका में रहने वाले एसएफजे नेता गुरपतवंत सिंह पन्नुन ने की है।एसएफजे की घोषणा से हरकत में आई सुरक्षा एजेंसियों ने प्रदर्शन स्थलों पर सादा वर्दी में पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी है। एजेंसियां देख रही हैं कि कोई शख्स आंदोलनकारी किसानों को भड़काने की कोशिश न कर पाए। उनके बीच पैसा बांटकर आंदोलन की दिशा बदलने की कोशिश न कर पाए।
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