उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने व सिपाही तक की जिम्मेदारी तय करने की दिशा में बड़ी कार्ययोजना तैयार की गई है। अब सप्ताह में तीन बार बीट पुलिस अधिकारी लोगों के बीच जाकर उनसे संवाद करेंगे। उनकी समस्याओं को सीधे वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाने का माध्यम भी बनेंगे। क्षेत्र के संभ्रांत लोगों से संपर्क रखने के साथ उनकी बीट बुक में अपराधियों का पूरा ब्योरा भी होगा।बीते दिनों लखनऊ में हुई अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस में गृह मंत्री अमित शाह और पुडुचेरी की उपराज्यपाल डॉ.किरण बेदी ने बीट प्रणाली को मजबूत बनाने की बात कही थी। अब जल्द पूरे प्रदेश में पुलिस हल्कों व बीट प्रणाली लागू करने की पहल होगी। इससे पूर्व 16 जनवरी से सूबे के 100 थानों में बीट पुलिसिंग का पायलेट प्रोजेक्ट शुरू होगा। डीजीपी ओपी सिंह ने इसे लेकर विस्तृत निर्देश दिए हैं। बीट पर काम करने वाले मुख्य आरक्षी व आरक्षी भी अब बीट पुलिस अधिकारी कहलाएंगे।पायलेट प्रोजेक्ट के तहत आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, बस्ती, गोंडा, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, अयोध्या, लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर, चित्रकूट, प्रयागराज, आजमगढ़, मीरजापुर व वाराणसी रेंज मुख्यालय के अलावा गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मथुरा, बिजनौर, जौनपुर व सीतापुर समेत 25 जिलों के दो-दो थानों में तथा 50 जिलों के एक-एक थाने में बीट प्रणाली लागू की जा रही है। हर जोन के कुल चयनित थानों में 50 फीसद शहरी व 50 फीसद ग्रामीण क्षेत्र के होंगे। डीजीपी ने नए प्रोफार्मा के तहत बीट पुस्तिका का प्रकाशन कराए जाने का निर्देश भी दिया है।
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