पीलीभीत टाइगर रिजर्व जंगल में बाघों के साथ साथ वन्यजीवों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होना भले ही एनटीसीए के लिए एक उपलब्धि कि बात हो.
मगर जंगल व जंगली जानवरों पर आज भी शिकारियों का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि वन विभाग व पुलिस द्वारा इन शिकारियों पर शिकंजा कसते हुए कई गिरफ्तारियां की, मगर शिकारियों का आज भी पकड़ा जाना टाइगर रिजर्व के लिए एक खतरा बना हुआ है.
ताजा मामला जनपद के थाना सेहरामऊ उत्तरी का है. यहां प्रभारी निरीक्षक रामवीर सिंह ने अपनी टीम के साथ कांस्टेबल महकार सिह, कांस्टेबल सोनू कुमार, कांस्टेबल नवीन राठी, कांस्टेबल असद मियां के साथ जंगल में स्थित ग्राम सुल्तानपुर से 5 नफर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें लालता प्रसाद, हरदेव, देवसरन, वचन सिंह, राजेश को दो जाल (खावर), 1 अदद छोटा भाला, 1 गंडसा एवं 3 अदद छुर्रा के साथ अरेस्ट किया है. पुलिस को सूचना मिली कि ये लोग जंगल मे किसी शिकार करने के फिराक में घूम रहे हैं. मामले में वन विभाग की टीम ने इनका पुराना आपराधिक इतिहास भी खंगालना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि इससे पहले भी ये लोग जंगल मे देखे गए थे.
बता दें कि टाइगर रिजर्व के बरही रेंज में ड़ेंगापुल पर दो दिन पूर्व एक बाघ को घायल अवस्था में देखा गया था. वन विभाग की टीम अब बाघ की तलाश में जुटी हुई है. प्रमुख वन संरक्षक एसके उपाध्याय ने बाघ को इलाज के लिए ट्रंकुलाइज करने के भी आदेश दे दिए है. वन संरक्षक पीपी सिंह भी बरेली से पीलीभीत पहुंचकर कैम्प कर चुके हैं, ताकि जल्द ही बाघ को पकड़ कर उसका इलाज कराया जा सके.
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