
रायबरेली-जहां एक ओर सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। वहीं शिवगढ़ क्षेत्र के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय भौसी की स्वास्थ्य व्यवस्था रामभरोसे हैं। अस्पताल की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाएं सरकार की मंशा पर पानी फेर रही हैं। बृहस्पतिवार को दोपहर साढे 12 बजे अस्पताल में ताला लटकता मिला। गांव के ही विनय कुमार वर्मा सहित ग्रामीणों ने बताया कि आज अस्पताल नही खुला है। अस्पताल में इलाज के लिए कई मरीज आए थे, जिन्हें अस्पताल बन्द होने के चलते मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। विदित हो कि 2 वर्ष पूर्व एक शासनादेश पर राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय को भौसी से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देहली में स्थान्तरित कर दिया गया था। जिसको लेकर ग्राम न्याय पंचायत भौसी के लोगों में गहरा रोष व्याप्त था। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय को भौसी में पुन:स्थापित करने के लिए ग्रामीणों द्वारा लगातार मांग की जा रही थी। जिसके लिए ग्रामीणों द्वारा शासन को भी खूब पत्र लिखे गए। यही नही अस्पताल के लिए भौसी तिराहे के पास एक भवन का भी निर्माण कराया गया। ग्रामीणों मांग पर निदेशक ने 28 अक्टूबर 2020 को राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय को पुन: भौसी स्थानांतरित करने के लिए बाकायदा एक आदेश जारी किया था। शासन आदेश के आधार 30 दिसम्बर 2020 को जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. अरुण कुमार कुरील, डॉ. प्रवीण राय ने पुलिस बल के साथ देहली पहुंचकर दवाओं एवं अन्य सामान को पिकअप और ट्रैक्टर में लदवाकर राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय को भौसी में बने नवनिर्मित भवन में स्थापित करा दिया था। जिससे ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। भौसी के नवनिर्मित भवन में राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के संचालित होने से ग्रामीणों में एक नई उम्मीद जागी थी। ग्रामीणों ने सोचा था कि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। किंतु एक पखवारे में ही ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फिरने लगा। अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाएं ढाक के तीन पात साबित हुई।
क्या कहते हैं जिम्मेदार–
अस्पताल में तैनात डॉ.संध्या दीक्षित अस्वस्थ हैं, जिसकी सूचना मिली थी। स्वक्षक विष्णु प्रसाद की कोरोना हॉस्पिटल लालगंज में ड्यूटी लगी है। फार्मासिस्ट चंद्रभान सिंह को अस्पताल खोलना चाहिए था। यदि फार्मासिस्ट चंद्रभान सिंह ने अस्पताल नही खोला है तो कार्यवाही की जाएगी।
सवांददाता आदर्श विश्वकर्मा