नेपाल से भारत में प्रवेश करने वाली नदियों में उफान के कारण सिद्धार्थनगर में बाढ़ की विकराल स्थिति है। सभी प्रमुख यहां पर नदियां खतरे के बिंदु से ऊपर बह रही हैं।
जिला मुख्यालय से सटे जमुआर नाला के जल स्तर वृद्धि 1998 के उच्चतम जलस्तर को भी पार कर गया है, जिससे सदर तहसील में तबाही कुछ ज्यादा ही है। अन्य प्रमुख नदियां राप्ती व बूढ़ी राप्ती भी लाल निशान से ऊपर बह रही हैं।
ड्रेनेज खंड कार्यालय में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष में उपलब्ध दैनिक गेज रिपोर्ट के मुताबिक आज सुबह तक वानगंगा नदी खतरे के निशान 93.420 मीटर के सापेक्ष 91.50 मीटर, जमुआर नाला 84.89 मीटर के सापेक्ष 87.10 मीटर, राप्ती नदी 84.900 के सापेक्ष 85.540, बूढ़ी राप्ती 85.650 के सापेक्ष 88.790, तेलार नाला 87.500 के सापेक्ष 86.60, कूड़ा नदी आलमनगर 87.200 के सापेक्ष 86.900, कूड़ा नदी उस्का बाजार 83.520 के सापेक्ष 85.020, घोघी नदी 87.000 मीटर के सापेक्ष 86.66 मीटर पर बह रही है।
» सिद्धार्थनगर में बड़ा सड़क हादसा, अनियंत्रित कार पलटी- एक ही परिवार के पांच समेत छह की मौत
» डरें नहीं, नियंत्रण में है कोरोना : सीएम योगी आदित्यनाथ
» सिद्धार्थनगर में शादी अनुदान योजना में अपात्रों के चयन पर आठ बीडीओ नोटिस जारी
» सिद्धार्थनगर में दारोगा ने बेटी के सामने पिता को पीटा- मुंह पर रखा जूता, SP ने किया सस्पेंड
© Unite For Humanity
साहसी, निर्भीक, सदैव सच के साथ