सिद्धार्थनगर । न्यायालय में वादों की पैरवी न करना मंगलवार को भाजपा सांसद जगदंबिका पाल व भाजपा विधायक श्यामधनी राही को भारी पड़ा। उनको आत्मसमर्पण के बाद करीब ढाई घंटे तक न्यायिक अभिरक्षा में रहना पड़ा। इसके बाद प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने सदर विधायक की जमानत मंजूर की और सांसद का गैर जमानती वारंट रीकाल किया गया। सदर विधायक श्यामधनी राही सहित पांच अन्य लोगों पर वर्ष 2011 में सड़क जाम, प्रदर्शन व दुकानें आदि बंद कराने के आरोप में पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत किया था। इस वाद में न्यायालय में उपस्थित न होने के कारण उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था।
सांसद जगदंबिका पाल व उनके अन्य छह सहयोगियों पर भी वर्ष 2011 में बांसी में सड़क जाम कर प्रदर्शन करने व सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत किया था। बाद में पत्रावली सिद्धार्थनगर न्यायालय में आ जाने के कारण उनको तारीख की जानकारी न हो सकी। इससे वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सके। उनके खिलाफ न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। मंगलवार को दोनों नेताओं ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। प्रभारी सीजेएम ने उनको करीब ढाई घंटे तक न्यायिक अभिरक्षा में रखा। उसके बाद सदर विधायक की जमानत मंजूर हुई और सांसद का वारंट रिकाल हुआ। सांसद के मामले में उनके साथ ही अन्य छह आरोपी भी न्यायालय हाजिर हुए जबकि सदर विधायक ने अपने मामले में अकेले ही जमानत कराई।
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