🗒 शुक्रवार, नवंबर 25 2016 🖋 डॉ हरीश वर्मा, सहसंपादक देवी पाटन मंडल
श्रावस्ती
500 और 1000 रूपये के पुराने नोटबंदी के बाद से बैंको के बाहर न भीड़ कम हो रही है और न ही आमजन को कोई राहत है।
हाँ अगर कोई थोड़े बहुत सुकून में है तो वह है रसूखदार। जिनके पास काला धन होने की चर्चाएँ हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि रसूखदारों के बैंक पहुँचने के बाद शाखा प्रबन्धक न सिर्फ उनकी आवभगत करतें हैं बल्कि उनके हजारों हजार रूपये बिना किसी हिचक के बदल भी रहें हैं। यह सब देखकर आम खाताधारक का कलेजा बाहर आ जा रहा है। एक ओर जहाँ लोग पैसे के लिए कई दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहें हैं। फिर भी उन्हें उनका बैंक में जमा पैसा नही मिल रहा है। वही दूसरी ओर रसूखदारों की आज भी चांदी है।
इस वीडियो को देखिये और सुनिय फिर आपको हमे समझाना नही पड़ेगा की मोदी जी के द्वारा की गई नोट बंदी से वास्तव में कौन परेशान है। बैंकों के अन्दर के नोट बदलने का जो काला खेल हो रहा है उसका सच बाहर आ चूका है। ऐसे में समझा जा सकता है की मोदी जी के लिए गये फैसले से आखिरकार कौन परेशान है और नही।