अपने दूसरे बजट में भी सरकार अन्नदाता पर मेहरबान रही। इस बार के बजट में सर्वाधिक जोर सिंचन क्षमता के विस्तार पर है। इसके लिए बुंदेलखंड में पांच हजार तालाबों की खोदाई वन ड्राप मोर क्राप योजना से होगी। कृषि क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती, बढ़ती आबादी के लिए खाद्यान्न सुरक्षा मुहैया कराने की होगी। इसका सबसे प्रभावी तरीका है सिंचन क्षमता में विस्तार और सिंचाई की दक्ष विधाओं के प्रयोग के जरिये उपज में वृद्धि। सरकार ने इन दोनों पर ध्यान दिया है। सिंचन क्षमता बढ़ाने के लिए बजट में चार बड़ी नहर परियोजनाओं के लिए 3942 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
पिछली साल की सफलता के मद्देनजर इस वर्ष बुंदेलखंड में खेत-तालाब योजना के पांच हजार तालाबों की खोदाई के लिए 131 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। स्प्रिंकलर सिंचाई पर 90 फीसद देय अनुदान के लिए बजट में 24 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। निश्शुल्क बोरिंग योजना के लिए 36 करोड़ की व्यवस्था की गई है। इनर्जी इफीसिएंश पंप, सोलर पंप की योजना भी जारी रहेगी। कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी बजट में है।
पशुओं के स्वास्थ्य और उनकी उत्पादन क्षमता में संबंध देखते हुए इस बार पशु आरोग्य पर खासा जोर है। एक जगह पशुओं के सभी रोगों की जांच, टीकाकरण, छोटे-मोटे आपरेशन और संबंधित पशु के वजन और दूध के अनुसार संतुलित आहार की संस्तुति के लिए हर ब्लाक में होने वाले दीनदयाल पशु आरोग्य मेले के लिए 15 करोड़ रुपये का बजट है। कामधेनु की तरह पं. दीनदयाल के नाम से लायी गयी डेयरी योजना के लिए 75 करोड़ का प्रावधान है। राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम और नस्ल सुधार पर सरकार क्रमश: 100 और 27 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
समितियों द्वारा लिए जाने वाले दूध के भुगतान की व्यवस्था को त्वरित और पारदर्शी बनाने के लिए 15 करोड़ रुपये की लागत से डेयरी विकास फंड की स्थापना होगी। नंद बाबा और गोकुल पुरस्कारों के लिए भी बजट में क्रमश: 52 और 54 लाख रुपये का प्रावधान है। इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट फार फिशरीज के लिए 20 करोड़, मत्स्य कल्याण फंड के लिए बजट में 25 करोड़ रुपये का प्रावधान है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि कर्ज माफी के पैसे को निकाल दें तो इस साल का बजट पिछले साल की तुलना से करीब 17.5 फीसद अधिक है। 80340 करोड़ रुपये के आवंटन का करीब 54 फीसद सिंचाई के लिए ही है। यह 'वन ड्राप क्राप मोर को सच बनाने का प्रयास है।
बुंदेलखंड के लिए अर्जुन सहायक परियोजना सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना से बुंदेलखंड में सिंचाई की सुविधा बेहतर होगी। सरकार ने इसके लिये 741 करोड़ रुपये दिये हैं। सूखे में हरियाली लाने के इरादे से सरकार ने सोलर फोटो वोल्टाइक इरीगेशन पंपों की स्थापना की व्यवस्था की है। स्पिंकलर सिंचाई योजना के तहत किसानों को सब्सिडी की व्यवस्था की गई है।
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